सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 फरवरी) को सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने पर मंजूरी दे दी है। अभी सिर्फ 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प दिया जाता है।
बता दें कि सेना में महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान आर्मी सर्विस कार्प्स, आर्डनेंस, एजुकेशन कॉर्प्स, जज एडवोकेट जनरल, इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलि
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| Supreme Court approves permanent commission of women in army |
भारतीय वायुसेना और नौसेना महिला अफसरों को स्थायी कमीशन में आने का विकल्प देते हैं, हालांकि यह सेना में अभी तक नहीं है। इसके अलावा वायुसेना में महिलाएं युद्धक सेवाओं (फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी) में शामिल हो सकती हैं। शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत महिलाएं वायुसेना में ही हेलिकॉप्टर से लेकर फाइटर जेट तक उड़ा सकती हैं। नौसेना में भी महिलाएं लॉजिस्टिक्स, कानून, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, पायलट और नेवल इंस्पेक्टर कैडर में सेवाएं दे सकती हैं।
आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के मार्च 2010 के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सेना को अपनी सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था। केंद्र का कहना था कि भारतीय सेना में यूनिट पूरी तरह पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे।






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