Wednesday, February 26, 2020
60 वर्षीय गुलिकसेन ने शो जंप में आधे उम्र के खिलाड़ियों को हराकर जीता पहला विश्व कप
40 साल से ज्यादा समय से शो-जंपिंग कर रहे नार्वेजियन गेइर गुलिकसेन ने अपने से आधे उम्र के खिलाड़ियों को हराकर अपना पहला एफआईआई विश्व कप जीत लिया. वहीं रविवार को हुए टूर्नामेंट में 60 वर्षीय गुलिकसेन ने शानदार खेल दिखाते हुए अपने अनुभव का भरपूर लाभ उठाया और अन्य खिलाड़ियों को पछाड़ दिया. बता दें कि खेल खत्म होने और चैंपियन बनने के बाद गुलिकसेन के साथ एक हादसा भी हो गया.
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| 60-year-old Guliksen won the first World Cup by defeating half-age players in the show jump |
दरअसल की समाप्ति के बाद गुलिकसेन जैसे ही अपना हेलमेट निकालकर अपने घोड़े के साथ प्राइज सेरेमनी में पहुंचे, उसी वक्त उनका घोड़ा बिदक गया और उन्हें पास की दीवार के पास ले जाकर जमीन पर पटक दिया.
इससे पहले गुलिकसेन ने अप्रैल में लास वेगास में हुए प्रतिष्ठित विश्व कप फाइनल के लिए अंतिम क्वालिफायर, गोथेनबर्ग शो में खिताब अपने नाम किया था.
Thursday, February 20, 2020
भाजपा नेताओं के आईएसआई जासूस बताने पर भड़के दिग्विजय सिंह
February 20, 2020
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेताओं के आईएसआई हैंडलर वाले बयान पर पलटवार किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रवक्ता नरसिम्हा राव और अमित मालवीय ने मुझपर आईएसआईएस का हैंडलर होने का आरोप लगाया है. अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह अक्षम हैं क्या, मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मैं उन दोनों (राव और मालवीय) को मानहानि का नोटिस भेजूंगा.
मोदी सरकार इकोनॉमी में स्लोडाउन को नहीं करती स्वीकार: मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार यह स्वीकार नहीं करती कि इकोनॉमी में स्लोडाउन है। खतरनाक तो यह है कि जब उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं है तो वे इसे ठीक करने के लिए उपाय भी नहीं खोज रहे। मनमोहन ने यह बात योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स’ के विमोचन के मौके पर यह बात कही।
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| Modi government does not accept slowdown in economy: Manmohan Singh |
मनमोहन के अनुसार योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने अपनी किताब में यूपीए सरकार के अच्छे और खराब कामों के बारे में लिखा है। इन पर हमेशा चर्चा होती रहेगी। लेकिन मौजूदा सरकार तो स्लोडाउन को नहीं मानती। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। मोंटेक 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने के सरकार के दावे को सकारात्मक सोच बताते हैं। हालांकि यह बात समझ में नहीं आती कि तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि मोंटेक ने यह भी कहा था कि हमें 8% विकास दर के लिए काम करना होगा, लेकिन इसके लिए वित्तीय नीति के बारे में दोबारा से सोचना होगा। इसके लिए टैक्स सुधारों को भी सख्ती से लागू करने की दरकार होगी। मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव, पी चिदंबरम और मोंटेक का आभारी हूं, जिन्होंने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था में उदारवाद लाने में सहयोग किया।
कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा है कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को गहन चिकित्सा (आईसीयू) की जरूरत है। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। मेरे हिसाब से ऐसा है- बीमार अर्थव्यस्था को व्हीलचेयर पर बैठाकर आईसीयू में ले जाया जा रहा है।
Monday, February 17, 2020
पीएम मोदी ने कहा- समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (16 फरवरी) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को तीस से अधिक योजनाओं की सौगात देने के लिए पहुंचे। अपने छह घंटे से अधिक समय तक के प्रवास पर सुबह 10.25 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचे तो एप्रन पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने उनका स्वागत किया।
जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी का जनप्रतिनिध हूं और काशाी की धरती पर संतों का आशीर्वाद का सौभाग्य मिला। पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। आपका स्वागत करता हूं।
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| PM Modi said- need to get society out of hatred, protest and disorder |
संस्कृत और संस्कति के संगम स्थली में आना सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ गंगा के आंचल में संतवाणी का मौका हमेशा नहीं आता। पत्र मिला था और पत्र में राष्ट्र की चिंता थी। युवा भारत के लिए पुरातन भारत के गौारवगान का मौका था। संतों के ज्ञान सत्संग का मौका मिले छोडना नहीं चाहिए। पूरे देश के लोग कोने-कोने से यहां आए। कर्नाटक महाराष्ट्र से हैं और भोले की नगरी का प्रतिनिधितव है। आपका स्वागत है। तुलसी दास ने कहा है- संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोऊ। ऐसे में वीर शैव की संत परंपरा के शताब्दी वर्ष का आयोजन सुखद है।
पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वो है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है
उद्धव ठाकरे से तनातनी के बीच शरद पवार ने बुलाई अहम बैठक
महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार में फिलहाल सबकुछ नहीं चल रहा है. वहीं कई मुद्दों पर सीएम उद्धव ठाकरे के साथ तनातनी के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने आज अपने घर पर एक अहम बैठक बुलाई है. साथ ही इस बैठक में राज्य सरकार में शामिल एनसीपी कोटे के सभी 16 मंत्री शामिल होंगे. इस मीटिंग को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं.
साथ ही उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच तल्खी की प्रमुख वजह भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को देने को लेकर बताई जा रही है. वहीं पहले कहा गया था कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करेगी, लेकिन इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंपने का फैसला कर लिया. इसके बाद से पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया.
एनसीपी और कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती
शरद पवार ने शिवसेना के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, ‘भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस के कुछ अधिकारियों का व्यवहार आपत्तिजनक था. मैं चाहता था कि इन अधिकारियों के व्यवहार की भी जांच की जाए, लेकिन जिस दिन सुबह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की, उसी दिन शाम को 3 बजे केंद्र ने पूरे मामले को एनआईए को सौंप दिया. संविधान के मुताबिक यह गलत है, क्योंकि आपराधिक जांच राज्य के क्षेत्राधिकार में आता है.‘
एनपीआर को लेकर भी बढ़ी दूरिया इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को भी मंजूरी दे दी है. आगे ठाकरे ने कहा कि एनपीआर में जनता के खिलाफ कुछ भी नही हैं. हालांकि, एनसीपी और कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती. ऐसे में एनपीआर को लेकर भी पवार और ठाकरे में तनातनी है.
बता दें कि इस बीच कभी एक-दूसरे की धूर विरोध रही शिवसेना और कांग्रेस के बीच विभिन्न मुद्दों लेकर तनातनी जारी है. वहीं सावरकर का मुद्दा अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि नागरिक संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय जनसंख्या सूची को लेकर शिवसेना-कांग्रेस में ठन गई है. महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि एनपीआर के प्रावधानों पर कांग्रेस का विरोध है. इस संबंध में कांग्रेस के मंत्री सरकार से बात करेंगे.
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| Sharad Pawar calls important meeting between Uddhav Thackeray |
साथ ही उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच तल्खी की प्रमुख वजह भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को देने को लेकर बताई जा रही है. वहीं पहले कहा गया था कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करेगी, लेकिन इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंपने का फैसला कर लिया. इसके बाद से पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया.
एनसीपी और कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती
शरद पवार ने शिवसेना के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, ‘भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस के कुछ अधिकारियों का व्यवहार आपत्तिजनक था. मैं चाहता था कि इन अधिकारियों के व्यवहार की भी जांच की जाए, लेकिन जिस दिन सुबह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की, उसी दिन शाम को 3 बजे केंद्र ने पूरे मामले को एनआईए को सौंप दिया. संविधान के मुताबिक यह गलत है, क्योंकि आपराधिक जांच राज्य के क्षेत्राधिकार में आता है.‘
एनपीआर को लेकर भी बढ़ी दूरिया इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को भी मंजूरी दे दी है. आगे ठाकरे ने कहा कि एनपीआर में जनता के खिलाफ कुछ भी नही हैं. हालांकि, एनसीपी और कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती. ऐसे में एनपीआर को लेकर भी पवार और ठाकरे में तनातनी है.
बता दें कि इस बीच कभी एक-दूसरे की धूर विरोध रही शिवसेना और कांग्रेस के बीच विभिन्न मुद्दों लेकर तनातनी जारी है. वहीं सावरकर का मुद्दा अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि नागरिक संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय जनसंख्या सूची को लेकर शिवसेना-कांग्रेस में ठन गई है. महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि एनपीआर के प्रावधानों पर कांग्रेस का विरोध है. इस संबंध में कांग्रेस के मंत्री सरकार से बात करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को दी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 फरवरी) को सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने पर मंजूरी दे दी है। अभी सिर्फ 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प दिया जाता है।
बता दें कि सेना में महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान आर्मी सर्विस कार्प्स, आर्डनेंस, एजुकेशन कॉर्प्स, जज एडवोकेट जनरल, इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलि
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| Supreme Court approves permanent commission of women in army |
भारतीय वायुसेना और नौसेना महिला अफसरों को स्थायी कमीशन में आने का विकल्प देते हैं, हालांकि यह सेना में अभी तक नहीं है। इसके अलावा वायुसेना में महिलाएं युद्धक सेवाओं (फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी) में शामिल हो सकती हैं। शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत महिलाएं वायुसेना में ही हेलिकॉप्टर से लेकर फाइटर जेट तक उड़ा सकती हैं। नौसेना में भी महिलाएं लॉजिस्टिक्स, कानून, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, पायलट और नेवल इंस्पेक्टर कैडर में सेवाएं दे सकती हैं।
आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के मार्च 2010 के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सेना को अपनी सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था। केंद्र का कहना था कि भारतीय सेना में यूनिट पूरी तरह पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे।










